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कांगेर वैली नेशनल पार्क

कांगेर वैली नेशनल पार्क स्थिति एवं दूरी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिला से मात्र 28 किमी की दूरी पर स्थित है। रायपुर जिले से लगभग 330 किमी की दूरी पर है। यह उत्तर पश्चिम किनारे पर तीरथगढ जलप्रपात से प्रारंभ होकर पूर्व में उड़ीसा की सीमा कोलाब नदी तक फैला है। कांगेर नदी इसके बीचो-बीच चलती है। इसकी औसत चौड़ाई 6 किमी एवं लम्बाई 48 किमी है। कांगेर घाटी को 1982 में  नेशनल पार्क का दर्जा प्राप्त हुआ इसका क्षेत्रफल200वर्ग किमी है। यह एक बायोस्फियर रिजर्व है ,कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है, जो इसकी लंबाई में बहती है। वन एवम प्रजाति इस राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार की वन प्रजातियां मिलती है। जिससे यहां के वनों की विविधिता बढती है। इनमें दक्षिणी पेनिनसुलर मिक्स्ड डेसिहुअस बन, आर्ड सागौन, वन-इनमे साल, बीजा, साजा, हल्दु, चार, तेंदु कोसम, बेंत, बांस एवं कई प्रकार के वनौषधि पौधे मिलते है। मौसम एवम तापमान वर्ष भर यहां का मौसम भ्रमण के लिए अनुकुल है। शीत ऋतु में अधिकतम तापमान 30 सेन्टीग्रेड व न्युनतम 13 सेन्टीग्रेड रहता है। ग्रीष्म में अ...

सोलर ऊर्जा से चलेगी रेल

 सोलर ऊर्जा से चलेगी रेल     अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट के तहत रेलवे, देश भर में अपनी खाली पड़ी जमीन का इस्तेमाल कर सोलर प्लांट लगाने का काम कर रहा हैं ताकि बिजली के मामले में रेलवे जल्द से जल्द आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े। रायपुर से सिर्फ 18 किलोमीटर दूर चरोदा में 77 एकड़ मैदान पर रेलवे का सोलर प्लांट देश का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्रोजेक्ट है। यहां रोजाना 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा इसका इस्तेमाल स्टेशन में पावर सप्लाई के साथ-साथ ट्रेन चलाने में भी किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 1.5 लाख सोलर पैनल लगाए जाएंगे तथा इस प्रोजेक्ट की लागत 200 करोड़ है। उल्लेखनीय है की कोयले से बिजली उत्पादन में काफी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़े जाते हैं जैसे कि1 यूनिट बिजली उत्पादन में 0.85 किलो कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में रिलीज होती है।  

CURRENT AFFAIRS 10 MAY 2022

  CURRENT AFFAIRS MAY 2022 MAY 10,2022 यह current affairs आज के दैनिक भास्कर मे प्रकाशित खबरों पर आधारित है ।   रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर  अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया सोमवार को और 60 पैसे कमजोर हुआ। इसकी कीमत 77.50 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई।  रुपये मे कमजोरी के कारण - ब्याज दरों में बढ़ोतरी के रुझान के बीच विदेशी फंडों की ओर से बिकवाली जारी रहने  कच्चे तेल की कीमतों में तेजी अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने रुपये के कमजोर होने पर निम्न sectors को लाभ होगा - आईटी कंपनियों की विदेश से डॉलर में होने वाली आमदनी बढ़ेगी। फार्मा, टेक्सटाइल्स कंपनियों की भी डॉलर में होने वाली आमदनी बढ़ेगी। इन सेक्टर्स को नुकसान   क्रूड, उर्वरक-रसायन, कैपिटल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात बिल बढ़ेगा। विदेश घूमने जाना, विदेश में पढ़ाई के लिए हर डॉलर पर अधिक रुपए खर्च करने होंगे। विदेश से डॉलर भेजने वालों को इनके बदले रुपए में अधिक रकम मिलेगी।  ग्रामीण भारत में इंटरनेट का उपयोग करने वाले अधिक   सोर्स दैनिक भास्कर राजद्रोह कानून प...

भारतीय द्वीप समूह

  भारतीय द्वीप समूह इस सेक्शन से संभावित प्रश्न  प्रश्न - अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी मे स्थित द्वीप समूह का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए ? अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी मे दो द्वीप समूह है ।     SOURCE RESERCHGATE बंगाल की खाड़ी मे स्थित द्वीप समूह  बंगाल की खाड़ी मे 572 द्वीप समूह है । ऐसा माना जाता है की इन द्वीप समूहों का निर्माण दो प्रकार की प्रकियों से हुआ है । कुछ द्वीप समहू जलमग्न हुए पर्वतों के शीर्ष है तथा कुछ द्वीप समूहों का निर्माण ज्वालामुखी से हुआ है । इस बात की पुष्टि यहाँ विभिन्न द्वीप समूह मे मौजूद ज्वालामुखी से होती है । यथा -बैरन द्वीप मे एक प्रसुप्त ज्वालामुखी है तथा नारकोंडम द्वीप मे निर्वापित ज्वालामुखी है ।  अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह को दस डिग्री चैनल अलग करती है ।   ग्रेट निकोबार द्वीप समूह मे ही भारत का सुदूर दक्षिण बिन्दु इंदिरा पॉइंट स्थित है । हालांकि 2005 की सुनामी के दौरान यह महासागर मे डूब चुका है ।  अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह की सबसे ऊंची चोटी सेडल चोटी है जो उत्तरी अंडमान द्वीप समूह मे है ।  अंडमान तथ...

तेंदूपत्ता से बढ़ी आय तथा "शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना"

 आदिवासी अंचल में में वन उपज के रूप में तेंदूपत्ता संग्रहण वहां के रहवासियों की आय का एक बहुत बड़ा स्त्रोत है। माननीय मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी द्वारा ₹4000 प्रति मानक बोरा कर इससे आश्रित भाई बहनों की आर्थिक स्थिति में आशातीत सुधार आया है। तेंदूपत्ता संग्राहको को 750 करोड़ रुपए का अतिरिक्त परिश्रमिक भुगतान किया गया है। " शहीद   महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना" कर इन्हें योजना की शुरुआत 5 अगस्त 2020 से लेकर अब तक 4555 प्रकरणों में 68 करोड़ 43 लाख का भुगतान किया गया हैं।

भारत मे न्यायपालिका से जुड़ी समस्याएं

भारत मे न्यायपालिका से जुड़ी समस्याएं भारत मे संविधान द्वारा एकीकृत न्यायपालिका पद्धति को अपनाया गया । उल्लेखनीय है की यह अवधारणा ग्रेट ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है ।  इसके तहत भारत का सुप्रीम कोर्ट न्यायिक तंत्र के शीर्ष पर स्थित है तथा सबसे निम्न स्तर पर सेशन कोर्ट है ।  भारत मे न्यायपालिका से जुड़ी निम्न समस्याएं है - राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार , 12 अप्रैल, 2017 तक, भारत की जिला अदालतों में 24,186,566 लंबित मामले हैं, जिनमें से 2,317,448 (9.58%) 10 से अधिक वर्षों से लंबित हैं, और 3,975,717 (16.44%) पांच और दस वर्षों के बीच लंबित हैं।   31 दिसंबर, 2015 तक, [अधीनस्थ न्यायालय] न्यायिक अधिकारियों के पदों पर 4,432 रिक्तियां थीं, जो स्वीकृत संख्या का लगभग 22% थीं। उच्च न्यायालयों के मामले में, 1,079 पदों में से 458, जो स्वीकृत संख्या के 42% का प्रतिनिधित्व करते हैं, जून 2016 तक रिक्त थे।   केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अतिरिक्त-संवैधानिक अधिकार का प्रयोग, जवाबदेही तंत्र का कमजोर होना, निचली न्यायपालिका और पुलिस में व्यापक भ्रष्टाचार, उनके बीच संभावित मिल...

current affairs may 2022

 current affairs may 2022  May 9,2022  हरियाणा के हिसार जिले में 5 हजार साल पुराने शहर के सबूत मिले  SOURCE ZEENEWS.COM   हिसार जिले के राखीगढ़ी गांव के 11 टीलाें के नीचे ये शहर दफन हैं। ये शहर हड़प्पाकाल के बताए गए हैं। पुरातत्व विभाग की खुदाई में 5 हजार साल पहले के घर, साफ-सफाई का प्रबंध, साथ ही सड़कें, आभूषण और शवों के अंतिम संस्कार के वक्त रखी गई वस्तुओ के सबूत मिले हैं। 3 टीलों की पुरातत्व विभाग ने खुदाई की है। इससे पता चला है कि कभी राखीगढ़ी सबसे बड़ा शहर था। यहां मिले दाे शव के कंकाल काे डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया है। इससे इनके वास्तविक समय का पता चल सकेगा।  भारत सरकार ने राखीगढ़ी को हड़प्पाकाल की आइकॉनिक साइट का दर्जा दिया है। यहां एक म्यूजियम भी बनाया गया है, जो कुछ दिन बाद आम लोगों के लिए भी खोला जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निगरानी किए जा रहे देश के 883 स्टेशनों में से 865 पर भूजल में नाइट्रेट की मात्रा सामान्य से अधिक मिली  भारत दुनिया में सर्वाधिक भूजल दोहन करने वाला देश है। पीने के 90% पानी और खेतों की सिंच...

प्रायद्वीपीय पठार

प्रायद्वीपीय पठार पश्चिम में अरावली तथा पूर्व में मेघालय के पठार को शामिल करते हुए कन्याकुमारी तक के विस्तृत प्रदेश को प्रायद्वीपीय पठार के नाम से जाना जाता है। इस पठार से ही कर्क रेखा गुजरती है। यह कर्क रेखा आठ राज्यों से होकर गुजरती है । इन राज्यों के नाम निम्न है- गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़,झारखंड, पश्चिम बंगाल,त्रिपुरा एवं मिजोरम । प्रायद्वीपीय पठार के निर्माण में आर्कियन,कडप्पा,धारवाड़,दक्कन ट्रैप,गोडवाना आदि शैल समूह का प्रमुख योगदान है। इन शैल समूहों के कारण इस पठार में मुख्यतः लाल पीली मिट्टी एवं काली मिट्टी पाई जाती हैं। यद्यपि, पश्चिमी घाट में अत्यधिक वर्षा के कारण लैटराइट मिट्टी पाई जाती है । कर्क रेखा के गुजरने तथा भूमध्य रेखा के समीपता के कारण यहां की जलवायु उष्णकटिबंधीय जलवायु हैं । जिसकी वजह से यहाँ पायी जाने वाली वनस्पति को भी उष्णकटिबंधीय वनस्पति कहा जाता है । यद्यपि,वर्षा की मात्रा की वजह से इनमे काफी विविधता पायी जाती है ।   प्रायद्वीपीय पठार को अध्ययन की दृष्टि से निम्न तीन भागों मे बाट सकता है - दक्कन का पठार  मध्य उच्च भू-भाग  ...

global warming तथा हिमालय के हिमनद

 global warming तथा हिमालय के हिमनद  जब पूरी दुनिया मे ग्लोबल वार्मिंग के चलते जलवायु परिवर्तन को महसूस किया जा रहा है उसी बीच एक रिपोर्ट आई है जिसमे बताया गया है की ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय के हिमनद बहुत तेजी से नहीं पिघल रहे जैसी आशंका ipcc के रिपोर्ट मे जतायी गई थी ।  उल्लेखनीय है की 2007 में आईपीसीसी (इंटरनेशनल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज) ने दावा किया था कि 2035 तक सभी हिमालयी ग्लेशियर गायब हो सकते हैं। कैटो इंस्टिट्यूट के रिसर्च फैलो स्वामीनाथन एस. अंकलेसरिया अय्यर और ग्लेशियोलॉजिस्ट विजय के. रैना का ताजा अध्ययन बताता है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा। अध्ययन के मुताबिक, हिमालय में ग्लेशियर पिघलने की प्रक्रिया हाल ही में तापमान बढ़ने से शुरू नहीं हुई है। ये हिमयुग की समाप्ति के बाद यानी 11,700 साल से पिघल रहे हैं। इसरो के ताजा उपग्रह अध्ययन पुष्टि करते हैं कि 2002 से 2011 के बीच हिमालय में अधिकांश ग्लेशियर स्थिर रहे। कुछ ही ग्लेशियर सिकुड़े हैं। वास्तविकता यह है कि गंगा नदी के स्रोत गंगोत्री ग्लेशियर का पीछे हटना घटकर 33 फीट प्रति वर्ष रह गया है। इस तरह यह 3,000 ...

अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) बनी भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी

  अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) बनी भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी  अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) ने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) को पछाड़ दिया है और अब यह भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी बन गई है। कंपनी ने अपने मार्च तिमाही के नतीजों को शेयर करते हुए कहा, अडानी विल्मर ने FY22 में ₹ 54,214 करोड़ के परिचालन रेवेन्यू की सूचना दी, जबकि HUL का FY2021-22 में सालाना रेवेन्यू ₹ 51,468 करोड़ है।   किसे कहते हैं FMCG कंपनी? FMCG का मतलब Fast Moving Consumer Goods है. हम जो भी प्रोडक्ट रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग करते हैं उसे FMCG product कहा जाता है जैसे कि soap, shampoo, noodles, cream, डिटर्जन पाउडर, बिस्किट, चॉकलेट, सिगरेट और भी बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट और यह सब प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी को FMCG कंपनी कहा जाता है.

ज्ञानेश्वरी यादव

  ज्ञानेश्वरी यादव सोर्स दैनिक भास्कर  यह भारत की महिला जूनियर वेट लिफ्टर है। इस महिला खिलाड़ी का संबंध छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से है । इस महिला खिलाड़ी ने हाल ही में ग्रीस के शहर हेराक्लिओन में आयोजित जूनियर वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप में 49 किलो वेट में सिल्वर मेडल प्राप्त किया है ।   ज्ञानेश्वरी की उपलब्धि -2018 में नेशनल स्कूल गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता। -2019 में तीसरे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता। -2020 में ओपन यूथ व जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। -2021 में इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। -2022 में ओपन जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। स्रोत दैनिक भास्कर 

एकलव्य आवासीय विद्यालय

  एकलव्य आवासीय विद्यालय  नवोदय विद्यालय के तर्ज पर केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय के द्वारा आदिवासी छात्रों के लिए शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की गई है। इन विद्यालयों की स्थापना उन क्षेत्रों में की जाती है जहां की 90 परसेंट या इससे अधिक जनसंख्या अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंधित होती है। एकलव्य आवासीय विद्यालय में छात्रावासों और स्टाफ क्वार्टर सहित विद्यालय की इमारत के निर्माण के अलावा खेल के मैदान छात्रों के लिए कंप्यूटर लैब शिक्षकों के लिए संसाधन कक्ष आदि का प्रावधान किया गया है। इस आवासीय विद्यालय की शुरुआत 1998 में की गई थी तथा इस तरह के प्रथम विद्यालय का शुभारंभ वर्ष 2000 में महाराष्ट्र में हुआ था।

मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना

  मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना   अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना की शुरुवात की । इस योजना के तहत भवन एवं अन्य सन्निर्माण मंडल में पंजीकृत मजदूरों को एक मुश्त 10000 रु देने की घोषणा की है । यह राशि उन मजदूरों को प्रदान की जाएगी जो 50 वर्ष की उम्र प्राप्त कर चुके है ।

MITAN YOJNA (मितान योजना )

 MITAN YOJNA (मितान योजना )     1 मई को श्रमिक दिवस (Labor Day) पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित समारोह में मितान योजना (Mitan Yojana) का शुभारंभ किया. शुभारंभ करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से सभी नागरिकों खासकर बुजुर्गों, दिव्यांगों और निरक्षरों को घर बैठे आसानी से 100 प्रकार की सेवाएं मिल सकेंगी. अभी शुरुआत में 14 नगर निगमों में 13 प्रकार की सेवा उपलब्ध होगी.    ये प्रमाण पत्र घर बैठे मिलेंगे ’मुख्यमंत्री मितान योजना’ के तहत लोगों को मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाण पत्र, दस्तावेज की नकल, गैर-डिजिटाइज्ड (भूमि रिकॉर्ड आदि की प्रति), मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण और प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र, दुकान और स्थापना पंजीकरण, जन्म प्रमाणपत्र सुधार, मृत्यु प्रमाणपत्र सुधार, विवाह प्रमाणपत्र सुधार आदि नागरिक सेवाएं घर बैठे मिलेंगी. इस टोल फ्री नंबर पर करना होगा फोन मुख्यमंत्री मितान योजना के जरिए शासकीय सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को मितान टोल फ्री नम्बर 14545 पर कॉल करना होगा.

मजदूर दिवस को छत्तीसगढ़ मे बनाया जाएगा बोरे बासी दिवस

 मजदूर दिवस को छत्तीसगढ़ मे बनाया जाएगा बोरे बासी दिवस    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 1 मई मजदूर दिवस को सभी छत्तीसगढ़ वासियों से बोरे बासी खाकर इस दिन को मानने का आव्हान किया है ।  ऐसा माना जाता है की बोरे बासी मे विटामिन एवं iron की प्रचुर मात्रा होती है । यह कुपोषण को दूर करने तथा गर्मी के दिनों मे लू से बचाव मे महत्वपूर्ण होता है ।

भारत का भौतिक स्वरूप

 भारत का भौतिक स्वरूप                                  source ncert भारत एक विशाल देश है । यह दुनिया का सातवाँ बड़ा देश है । इस वजह से यहाँ विभिन्न प्रकार की स्थलकृतियाँ पायी जाती है ।  भारत की लगभग 10.6  प्रतिशत क्षेत्र पर पर्वत ,18.5 प्रतिशत क्षेत्र पर पहाड़ियाँ ,27.7 प्रतिशत क्षेत्र पर पठार तथा 43.2 प्रतिशत क्षेत्र पर मैदानी भाग का विस्तार है।   इन सब विविधता के आधार पर भारत को निम्न भागों मे बाटा जा सकता है -   हिमालय पर्वत पश्चिम हिमालय  पूर्वी हिमालय  उत्तर पूर्वी हिमालय  विशाल मैदान उतरी मैदान  पूर्वी मैदान  असम का मैदान  मध्यवर्ती उच्चभूमि   उत्तर मध्यवर्ती उच्चभूमि दक्षिण मध्यवर्ती उच्चभूमि   प्रायद्वीपीय पठार उत्तरी दक्कन  दक्षिण दक्कन  पूर्वी पठार  पश्चिमी पहाड़ियाँ  पूर्वी पहाड़ियाँ   तटीय मैदान   पश्चिम तटीय मैदा...

भारत की भू-गर्भिक संरचना (GEOLOGY OF INDIA )

भारत की भू-गर्भीक संरचना  (GEOLOGY OF INDIA ) भारत के निर्माण मे विभिन्न प्रकार के चट्टानों का योगदान है ।   1 आर्कियन क्रम की चट्टाने  2 कुडप्पा क्रम की चट्टाने  3 धारवाड़ क्रम की चट्टानें  4 विध्यन क्रम की चट्टानें  5 गोंडवाना क्रम की चट्टाने     6 दक्कन ट्रैप की चट्टानें  7 टरशियरी समूह की चट्टानें  8  क्वाटरनरी समूह   1 . आर्कियन क्रम की चट्टाने   यह पृथ्वी की सबसे पुरानी चट्टान है । यह एक मूलभूत चट्टान है । भारत मे सबसे अधिक इसी चट्टान का विस्तार है । यह बहुत पुरानी चट्टान है इसलिए इसका अत्यधिक रूपांतरण हो चुका है । वर्तमान मे यह नीस तथा शिष्ट प्रकार की चट्टानों के रूप मे प्राप्त होते है ।  उल्लेखनीय है की इन चट्टानों मे खनिज संपदा का भंडार मौजूद है । इन खनिजों के अंतर्गत लोहा ,तांबा ,मैगजीन ,अभ्रक ,डोलमाइट ,शीशा ,जस्ता ,चांदी तथा सोना प्रमुख है ।  इसका विस्तार निम्न क्षेत्रों मे है - कर्नाटक ,तमिलनाडु ,आंध्रप्रदेश ,मध्यप्रदेश ,ओडिशा ,झारखंड के छोटा नागपुर का पठार ,दक्षिण -पूर्व राजस्थान ।  ...

गढ़फुलझर तथा गुरुनानक देव जी

गढ़फुलझर तथा गुरुनानक देव जी   महासमुंद जिले के बसना ब्लाक मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत गढ़फुलझर को पर्यटन स्थल का रूप देने का निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिया गया है ।  उल्लेखनीय है की इसी गाँव मे बहुत वर्षों पूर्व सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के दो दिन बिताए थे।   इस गांव में नानक सागर साहिब गुरुद्वारा के नाम से भव्य तीर्थस्थल बनाया जा रहा है।

GEOGRAPHY OF INDIA

 GEOGRAPHY OF INDIA   भारत का भूगोल  (सामान्य परिचय) SOURCE CIVILSDAILY  भारत उत्तरी गोलार्ध मे स्थित है ।  भारत एशिया महाद्वीप के अंतर्गत आता है ।  यह गोंडवाना लैंड का एक भाग है ।  भारत को प्रायद्वीप भी कहा जाता है । यह तीनों तरफ समुद्र से घिरा हुआ है । भारत का कुल क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है। भारत के पास विश्व के कुल क्षेत्रफल का 2.4% भाग है।  क्षेत्रफल के अनुसार यह विश्व का 7 वां सबसे बड़ा देश है ।  रूस >कनाडा >संयुक्त राज्य अमेरिका >चीन >ब्राजील >ऑस्ट्रेलिया >भारत  पूर्व से पश्चिम विस्तार  2933 किलोमीटर  उत्तर दक्षिण विस्तार   3214 किलोमीटर  अक्षांशीय विस्तार  8°4′ से लेकर 37°6′ उत्तर अक्षांश देशान्तरीय विस्तार 68°7′ पूर्व देशांतर से 97°25′ पूर्व देशांतर इस तरह से अक्षांशीय तथा देशान्तरीय विस्तार 30°है । स्थलीय सीमा 15200 km  तटीय सीमा 7516 km (अंडमान& निकोबार द्वीप तथा लक्ष द्वीप को मिलाकर ) भारत का उत्तरतम बिन्दु  इंदिरा कोल(लद्दाख ) भारत का दक्षिणतम बिन्द...